आदमपुर गांव में घुसा पानी : गांव वालों की फसल हुई बर्बाद ,

रीडर टाइम्स न्यूज़
आर्दश कुमार दिक्षित
तहसील शाहाबाद के ग्रामसभा आंझी का मजरा आदमपुर लोनी चीनी मिल ने पानी की निकासी बंद कर दी जिसके कारण आदमपुर गांव में पानी घुसने लगा जबकि लगभग 500 बीघा गन्ने की फसल डूबकर हो रही बर्बाद . गांव वालों ने इकट्ठा होकर इस मामले में जब चीनी मिल के कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने कहा यह तो हमारी जमीन का एरिया है . इसको हमने कवर किया हुआ है गांव वालों ने उनसे बाउंड्री तोड़ने का अनुग्रह कर नाला खोलने की अपील की लेकिन चीनी मिल के अधिकारियों ने किसी भी कीमत पर पानी की निकासी को खोलने को तैयार नहीं .जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से कर रहे नजर अंदाज . नौबत ये आ गई है कि अब पानी गांव वालों के घरों के अंदर भी घुसने की कगार पर आ गया है अगर जल्दी ही इसका कोई हल नहीं निकाला गया तो गांव वालों का रहना मुश्किल हो जाएगा वैसे भी गांव वालों के पालतू जानवरों के लिए बैठने व बांधने के लिए कोई भी जगह गांव के आसपास नहीं बची है जहां पानी ने अपना पैर न पसार लिया हो गांव वालों की फसलें चाहे धान हो या गन्ना पहले ही पूरी तरीके से जलमग्न हो चुकी है .समय कि इस महंगाई ने वैसे भी एक आम आदमी जिंदगी को परेशान कर रखा है अगर इनकी फसलें भी बर्बाद हो गई तो गांव वालों के परिवार का क्या होगा कैसे उनका जीवन यापन चलेगा कैसे वह अपनी जिम्मेदारियों को निभा पाएंगे इस बात से परेशान होकर सभी गांव वाले इक्कठे होकर चीनी मिल के अधिकारियों के पास भी जा चुके हैं .शासन-प्रशासन से यह उम्मीद करते हैं कि इसको गंभीरता से लेकर चीनी मिल की बाउंड्री तुड़वाई जाए और उसके नीचे जो नाला दबा दिया गया है उसको खुलवाया जाए जिससे पानी की निकासी हो पाए और उनकी जिंदगी फिर से सुचारू रूप से चल सके इसको लेकर बड़ी संख्या में गांव वाले चीनी मिल के कर्मचारियों से मिले जिसमें प्रमुख रुप से रजनीश कुमार यादव प्रधान, प्रतिनिधि राजेश कुमार सिंह ,रामनिवास सिंह, सूरज बाजपेई भूरे मिश्रा , सूरज मिश्रा , श्याम बहादुर मिश्रा , बलवीर आदि ने सार्वजनिक समस्या को निराकरण कराने के लिए आवाज उठाई लेकिन समाधान करने के बजाय अधिकारी आवाज को दबाने की कोशिश में लगे हैं ऐसे चलता रहा तो घरों के अंदर भी पानी घुस जाएगा . सड़कों पर पानी बह रहा है गांव के मवेशी को बैठने तक की जगह नहीं पानी के जलभराव में ही जानवरों को ग्रामवासी मजबूरन बांध रहे है लेकिन कोई भी अधिकारी इस समस्या का समाधान कराने के लिए नहीं पहुंच रहा है अब देखना यह है शासन प्रशासन इस को कितनी गंभीरता से लेता है और आदमपुर गांव के निवासियों को कैसे इस पानी से निजात दिलाई जाती है जिससे उनका जीवन यापन व्यवस्थित ढंग से चल सके .