स्वतत्रता दिवस और गणत्रत दिवस के बाद तीसरा राष्ट्रीय पर्व – दो अक्टूबर !

रिपोर्ट – डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

देश व दुनिया में इस दिन अंतर्राष्टीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। राष्टीयपिता महात्मा गाँधी की 154वी जयंती आज सोमवार को मनाई जाएगी। भारत में हर साल दो अक्टूबर का दिन गाँधी जयंती के तौर पर मनाया जाता है। सबसे पहले तो पहले जान लो की गाँधी जी का जन्म दो अक्टूबर 1869को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। और उनका नाम तो सभी लोग जानते हैं लेकिन क्या पूरा नाम बहुत कम लोग ही जानते हैं। राष्टीयपिता का पूरा नाम मोहनदास करमचंद्र गाँधी था। गाँधी महान व्यक्ति थे। जो प्रति लोगो में सम्मान बढ़ाने और उनके विचारो को याद करने के लिए हर साल दो अक्टूबर को अंतर्राष्टीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। और आज भी गाँधी के सत्य व अहिंसा के विचार लोगो के जीवन को प्रभावित करते हैं। गाँधी जी ने अंग्रेजो की गुलामी से पूरे देश को मुक्त कराया था। महात्मा गाँधी को बाद में लोग बाबू कहकर बुलाने लगे।

राष्टीयपिता महात्मा गाँधी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य –
भारत में महात्मा गाँधी के नाम से कुल 53 सड़के हैं। बल्कि देश में नहीं विदेश में भी कुछ 48 सड़को के नाम गाँधी के नाम पर हैं। 15 अगस्त 1947 को बहरत को आजादी मिली थी। तो इस आजादी जश्न में गाँधी जी नहीं थे बल्कि बंगाल में थे जहां हिन्दू व मुस्लिमो के बीच हो रही साम्प्रादायिक हिंसा के खिलाफ अनशन पर थे और 15अगस्त 1947 का दिन 24 घंटे का गाँधी जी ने उपवास रखा था। बल्कि जब मुल्क का बटवारा हुआ था तब महात्मा गाँधी काफी परेशान थे। आपको जानकारी दे की – राष्टीय पिता महात्मा गाँधी की शवयात्रा में करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे। 15लाख से ज्यादा रास्ते में खड़े थे। महत्मा गाँधी कर घर पर जब उनकी किसी से बहस होती थी तो वह गुस्से में उपवास करते थे। और भोजन भी छोड़ देते थे।

पहले वे तुम्हे नकारेंगे
फिर वे तुम पर हसेंगे
फिर वे तुमसे लड़ेंगे और
फिर तुम जीत जाओगे
….. महात्मा गाँधी

दिया जलाना हैं तो अधेरो में जलाइए
उजालो में क्या रखा हैं
अपने मन को दयालु बनाइए
क्रूरता में क्या रखा हैं

सत्य अहिंसा का था वो पुजारी
कभी न जिसने हिम्मत हारी
सास दो हमे आजादी की
जन – जन हैं जिसका बलिहारी