सरयू नदी में पीएम मोदी के स्नान की तैयारी !

शारदा व गिरिजा बैराज से छोड़ा गया तीन हजार क्यूसेक पानी ,सरयू नदी का 13 सेमी जलस्तर बढ़ा !

शिवधीश त्रिपाठी
रीडर टाइम्स

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरयू नदी में संभावित स्नान की तैयारियां शुरू हैं। हालांकि प्रधानमंत्री के 22 जनवरी का अभी आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है जिसमें उनके सरयू नदी में स्नान का उल्लेख हो। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से पहले प्रधानमंत्री के सरयू नदी में स्नान करने की अटकलें तेज है। संभावित स्नान के लिए उसी स्थान का चयन हुआ है,शुक्रवार को जिस स्थान से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोलर बोट का लोकार्पण किया है। संत तुलसीदास घाट के पास इसे कच्चाघाट बताया जाता है। सीएम के सोलर बोट के लोकार्पण के बाद सरयू नहर खंड स्नान घाट की तैयारी में लगा है।

यह सरयू अतिथि गृह से चंदकदमों की दूरी पर है। सरयू नदी में प्रधानमंत्री के स्नान की अटकलों के बीच लखीमपुर के शारदा व गिरजा बैराज से सरयू नदी में 16 जनवरी को तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। पानी छोड़े जाने के चौथे दिन सरयू नदी का जलस्तर करीब 13 सेमी ऊपर जाने से जिला प्रशासन व सरयू नहर खंड के इंजीनियरों ने राहत की सांस ली। रविवार तक इसके 15 सेमी तक पहुंचने की उम्मीद बाढ़ कार्य खंड को है। वहीं बाढ़ कार्य खंड के अधिशासी अभियंता शशिकांत प्रसाद इसे सरयू नदी में क्रूज संचालन के लिए बताते हैं। खबर यह भी है कि सरयू नदी का जलस्तर और बढ़ाने के लिए उत्तराखंड के टनकपुर स्थित बनबसा बैराज से भी करीब तीन हजार क्यूसेक पानी शारदा नदी में छोड़ा गया है।

शारदा नदी से लखीमपुर के शारदा बैराज यह पहुंचेगा। कुछ इंजीनियर इसे वहीं से सरयू नदी में छोड़ने को, तो कुछ किसानों की सिंचाई के लिए शारदा सहायक नहर में छोड़ने को बोलते हैं। सरयू नदी में जिस स्थान को सरयू नहर खंड स्नान के लिए तैयार करने में लगा है। सरयू अतिथि गृह से चंद कदम की दूरी पर है। एसपीजी उसे मिले सिग्नल के बाद पीएम के सरयू स्नान का सीधा जवाब सरयू नहर खंड नहीं देता। उसका कहना है कि गुप्तारघाट से चौधरी चरण सिंह घाट तक करीब 11 किमी का वह कस्टोडियन है। उसके रखरखाव की जिम्मेदारी विभाग की है। दीपोत्सव से पहले 1370 मीटर लंबा बैरियर व रेस्क्यू लाइन लांचर आदि का वह पहले ही सरयू नदी में स्नान के दौरान सुरक्षा को लेकर निर्माण करा चुका है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ढेर सारे वीआइपी रामनगरी आएंगे, वे सरयू स्नान भी करेंगे। कच्चाघाट के पास की सरयू स्नान की विभागीय तैयारियां उसी क्रम में है।

पीएम नरेन्द्र मोदी तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदचार्य स्वामी भद्राचार्य की बड़ा भक्तमाल की बगिया रामकथा सुनने व श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से मिलने भी जा सकते हैं। यह अटकलें इसलिए हैं कि प्रशासनिक अमला रामनगरी में जिन चार स्थानों को संवारने में लगा है उसमें मणिराम दास छावनी व बड़ा भक्तमाल की बगिया शामिल है। इन दोनों स्थानों पर करीब एक-एक हजार गमले उद्यान विभाग ने उसके रास्ते पर रखवाएं हैं। अकेले मणिरामदास छावनी व बड़ा भक्तमाल की बगिया ही इसमें शामिल नहीं हैं। उद्यान विभाग ने इसके अलावा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय अशर्फी भवन एवं ब्रह्मकुंड के पास निर्मित टेंट सिटी में भी गमले रखवाएं हैं। इन दानों स्थानों पर गमलों की संख्या करीब डेढ़ हजार के आसपास बताई जाती है। उद्यान विभाग के गमलों से प्रधानमंत्री के इन चार स्थानों पर भी जाने की अटकलों को बल मिला है।