मदरसों में उर्दू के साथ-साथ हिंदी व अंग्रेजी माध्यम से भी होगी पढ़ाई

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने मदरसों में दीनी तालीम के साथ एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पढ़ाई को भी मंजूरी दे दी है। मदरसों में उर्दू के साथ-साथ  हिंदी व अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाई होगी। उत्तर प्रदेश में अब सभी 19 हजार 143 मान्यता प्राप्त मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से पढ़ाई होगी। उर्दू के अलावा छात्र हिंदी और अंग्रेजी माध्यम भी चुन सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में हुई कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव मंगलवार को मंजूर किया गया। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी। शर्मा ने बताया कि मदरसों में दीनी तालीम के अलावा गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर व सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई नहीं होती है। उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड पोर्टल शुरू किए जाने से मदरसों की शिक्षा-प्रणाली में व्यापक सुधार आया है। पहले कक्षा 10 और 12 में जहां 4.77 लाख रजिस्ट्रेशन थे। नकल विहीन परीक्षा के प्रयास और पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था के बाद यह संख्या घटकर 2.77 लाख ही रह गई।

560 मदरसों को राज्य सरकार देती है अनुदान
मदरसा बोर्ड के रजिस्टार आरपी सिंह का कहना है कि ये नियम राज्य के सभी मान्यता प्राप्त 19 हजार 143 मदरसों पर लागू होगा। इनमें करीब 10 लाख बच्चे पढ़ते हैं। राज्य सरकार मान्यता प्राप्त 560 मदरसों को अनुदान देती है। इनके अलावा 836 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी हैं। इन्हें सरकार से अनुदान नहीं दिया जाता है। प्रदेश में 4536 मदरसों को मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है।