बस व ट्रक की आमने सामने जबरदस्त टक्कर,तीन की मौत,एक दर्जन से अधिक घायल

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रिपोर्ट-बी जी मिश्र

सवायजपुर/हरदोई:- कटरा विल्हौर हाइवे पर नीलम नदी पुल पर बस और ट्रक की आमने सामने हुई जबरदस्त टक्कर से प्राइवेट बस के परखच्चे उड़ गए।बस में सवार तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गयी तथा एक दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए।सभी गजयलों को हरपालपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया जहां से गंभीर हालत में आधा दर्जन लोगों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया ।

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हरपालपुर थाना क्षेत्र के लमकन गांव के पास कटरा बिल्हौर हाईवे पर नीलम नदी के पुल पर प्राइवेट बस व सामने से आ रहे ट्रक की जबरदस्त टक्कर होने से पुल के डिवाईडर में प्राइवेट बस घुस गई जिससे उसके परखच्चे उड़ गए। बस चालक हरपालपुर के जनकपुरवा निवासी दारा सिंह यादव(40), राम भजन(35) निवासी सोनेपुर थाना लोनार व एक अज्ञात वृद्ध महिला(60) की मौके पर ही मौत हो गई। वही रक्षपाल निवासी सोनेपुर, रीना व उनकी दो पुत्री रिया और मीनाक्षी निवासी लमकन, बाबूराम निवासी भुसेहरा, संध्या कांता निवासी दिघासर, किरण ,सरला निवासी करता मुनेश्वर निवासी चाऊंपुर पुत्तू लाल निवासी गदनापुर, अन्नू निवासी सिमरिया, जगपाल निवासी बरखेड़ा ,अवधेश निवासी बरान सहित झारखंड प्रांत निवासी ट्रक चालक गुलाब (40) सहित लगभग एक दर्जन यात्री घायल हो गए जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए ले जाया गया ।जिसमें से आधा दर्जन लोगों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया ।बस और ट्रक की हुई जबरदस्त भिड़ंत से सवारियों में चीख पुकार मच गई आनन फानन में बड़ी तादाद में लोग अपने शुभचिंतकों व सगे संबंधियों को देखने के लिए स्थानीय अस्पताल में पहुंच गए।लेकिंग अस्पताल में कोई भी डॉक्टर के मौजूद न होने से घायलों के परिजनों में काफी आक्रोश देखने को मिला।

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इनसेट:कटरा बिल्हौर हाईवे पर हुए सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया लेकिन वहां पर कोई डॉक्टर मौजूद न होने से घायलों का समुचित इलाज नहीं हो सका। जिससे स्थानीय लोग डॉक्टरों की कार्यशैली पर काफी आक्रोशित हो गए। हालांकि फार्मासिष्ट अजय कुमार व वार्ड वाय ने जैसे तैसे घायलों का मरहम पट्टी किया और गंभीर लोगों को रेफर कर दिया। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की इलाज के नाम पर पूरी व्यबस्था बदहाल है।यहां 2 बजे के बाद एमरजेंसी में भी किसी चिकित्सक की मौजूदगी नही रहती।जिससे गंभीर हालत में दुर्घटना के मरीज जिला मुख्यालय पहुंचते पहुंचते दम तोड़ देते हैं।