पाकिस्तान के पहले सिख पुलिस अधिकारी को घर से निकाला, देश छोड़ने को किया मजबूर

gulab-singh-pakistan13

पाकिस्तान के पहले सिख पुलिस अधिकारी गुलाब सिंह ने दावा किया है कि पाकिस्तान सरकार उन्हें और सिखों को देश से जबरन निकालना चाहती है, गुलाम सिंह का दावा उस घटना के एक दिन बाद आया, जब उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें अपने परिवार के साथ अपने घर से बाहर जबरन निकाल दिया गया | गुलाम सिंह ने कहा कि उन्हें जबरन लाहौर स्थित अपने घर से निकाल दिया गया है | मुझसे गुंडों की तरह सलूक किया गया |

 

इस घटना से आहत गुलाब सिंह ने बताया कि उनका परिवार 1947 से ही पाकिस्तान में रह रहा है। दंगों के बाद भी वो पाकिस्तान छोड़कर नहीं गए, लेकिन अब उन्हें जबरन देश से निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके लाहौर स्थित घर को सील कर दिया गया है, जिसमें उनके सभी जरूरी सामान हैं। उनके कपड़ों से लेकर चप्पल-जूते तक घर के अंदर बंद कर दिया गया है। यहां तक की सर पर बांधने वाला पटका भी घर के अंदर बंद कर दिया गया है। उन्होंने वीडियो में अपने सिर के पटके को दिखाते हुए कहा कि ये जो पटका मैंने अपने सिर पर बांध रखा है, ये एक पुराने कपड़े से फाड़कर बांधा है। उन्होंने कहा कि मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है, मेरे साथ मारपीट भी की गई और मुझे अपमानित किया गया।

 

download
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की घटनाएं नई नहीं हैं, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए असहिष्णुता का स्तर अन्य देशों से कहीं ज्यादा है, पाकिस्तान की अल्पसंख्यक हिंदू और सिख आबादी आए दिन भेदभाव का शिकार बनती है, एक महीने पहले ही पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा प्रांत के पेशावर में सिख धर्मगुरु चरणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी |

 

उन्होंने बताया कि 1960 में पाकिस्तान के सिखों के लिए इस बोर्ड का गठन किया गया था, जो 1975 में पूरा हुआ। इसका शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के साथ एक अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) हुआ था, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान में रह रहे सिखों को किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद हमें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा के नाम पर बोर्ड ने करोड़ों रुपये कमाए हैं, लेकिन इनमें से एक पैसा भी हमारे ऊपर खर्च नहीं किया गया।

 

गुलाब सिंह ने कहा कि मैं अब अदालत जाऊंगा। कोर्ट की अवमानना को मामला दर्ज कराऊंगा। गुलाब सिंह ने एसजीपीसी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी से अपील में कहा कि कार्रवाई के बारे में वो फैसला करे। सिंह ने आरोप लगाया कि इस घटना के लिए पीएसजीपीसी के अध्यक्ष तारा सिंह जिम्मेदार हैं। बताया जाता है कि गुलाब सिंह ने दो साल पहले तारा सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।