PM Modi ने 1300 करोड़ रुपये की पेशकश की, कहा रवांडा है अफ्रीका के हर ताले की चाभी

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नई दिल्ली: मोदी ने कहा, ‘‘मेरे साथ यहां आए भारतीय उद्योग प्रतिनिधिमंडल से मैं कहना चाहूंगा कि आप केवल रवांडा नहीं आए हैं | आज रवांडा आने का मतलब है कि आप यहां आ कर अफ्रीका के सभी दरवाजे खुला पाएंगे क्योंकि उनकी चाभी यहीं है |’’ भारत सरकार के इस फैसले की चर्चा हो रही है | दरअसल इस फैसले के पीछे रवांडा सरकार की ओर से चलाई जा रही है एक योजना है जिसका नाम ‘गिरिंका’ है |

इस योजना के तहत सरकार वहां पर कुपोषण दूर करने के लिये 3.50 लाख गांवों को गाय देगी और फिर उसके पैदा हुई एक बछिया को वह अपने पड़ोसी को देगा | इस योजना का मकसद इन गायों के दूध से परिवार अपने बच्चों का कुपोषण दूर करेंगे साथ ही दुग्ध उद्योग को भी बढ़ावा दिया जायेगा |

 

 

उन्होंने आगे कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ आज भारत की पहचान बन गया है। भारत में बनी कार और स्मार्ट फोन समेत अनेक चीजें आज उन देशों को बेच रहे हैं, जहां से कभी हम ये सामान आयात करते थे। संभव है कि बहुत जल्द यहां युगांडा में जब स्मार्टफोन खरीदने आप जाएंगे तो आपको मेड इन इंडिया का लेवल नजर आएगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा की राष्ट्रीय विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रयासों में भारत के सहयोग की प्रतिबद्धता दोहरायी है और इस मध्य-पूर्वी अफ्रीकी देश के साथ द्विपक्षीय व्यावयासिक संबंधों के विस्तार पर बल दिया है |

 

 

रवांडा की यात्रा पर आए मोदी ने तेजी से विकास की राह पर बढ़ रहे इस देश को अफ्रीका के सभी दरवाजों की चाबी बताया है | उन्होंने मंगलवार को भारत और रवांडा की प्रमुख कंपनियों के सीईओ की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है, हमने अपना लक्ष्य ‘सबका साथ, सबका विकास’ रखा है |

 

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युगांडा के साथ सदियों पुराने रिश्तों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि युगांडा से भारत का रिश्ता आज का नहीं है, बल्कि शताब्दियों का है। हमारे बीच श्रम का रिश्ता है, शोषण के खिलाफ संघर्ष का रिश्ता है। युगांडा विकास के जिस मुकाम पर आज खड़ा है, उसकी बुनियाद मजबूत कर रहे युगांडा वासियों के खून-पसीने में भारतीयों का भी बहुत बड़ा योगदान है।

 

 

मोदी ने कहा, ‘युगांडा में आप सभी के बीच आने का ये मेरा दूसरा अवसर है। इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर यहां आया था और आज देश के प्रधानमंत्री के नाते। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब भी आप में से अनेक लोग वहां मुझसे मिलने आते थे। यहां भी कई ऐसे परिचित सामने मुझे दिख रहे हैं।’

 

इससे पहले, मोदी ने कहा कि जब दुनिया का ध्यान अफ्रीका की तरफ नहीं था, कोई यहां आने का नहीं सोचता, वैसे समय भी भारतीयों ने इस जमीन पर आने को तरजीह दी, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत में भी कई अवसर हैं. भारत व्यापार समुदाय को हर संभव सहायता देने को तैयार है जो भारत में विकास करना चाहते हैं. मैं उन्हें आमंत्रित करता हूं,’’ उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां बुनियादी ढांचा, ग्रामीण विकास तथा आर्थिक गतिविधियों में सहयोग कर सकती हैं, लघु उद्यागों का नेटवर्क, कारपोरेट लीडरशिप नेटवर्क बना सकते हैं तथा वैश्विक बाजार में तलाश सकते हैं |

 

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मोदी ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय सौर संघ के जरिये हम न केवल जलवायु परिवर्तन के मुद्दे का समाधान कर रहे हैं बल्कि मानव के लिये ऊर्जा कितना उपयोगी है, इसका एक बड़ा अभियान भी चला रहे हैं,’’ उन्होंने कहा कि रवांडा के विकास में विभिन्न क्षेत्रों में भारत की विशेषज्ञता का उपयोग किया जा सकता है | प्रधानमंत्री की रवांडा यात्रा के दौरान दोनों देशों ने रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए और आर्थिक विकास के लिये 20 करोड़ डालर की ऋण सुविधा देने की घोषणा की है | अपनी दो दिवसीय यात्रा के बाद प्रधानमंत्री यूगांडा के लिये रवाना हो गए |