यूँ ही नहीं गले लगाया था राहुल गाँधी ने पीएम मोदी को, ये थी वजह

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लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को गले लगाने का मामला अभी भी सुर्खियों में हैं। संसद में हुई यह घटना ऐतिहासिक हो चुकी है। वहीं इस पर अभी तक भाजपा और कांग्रेस के बीच नोक-झोंक भी जारी है। संसद के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जब राहुल गांधी भाषण देते वक्त अचानक पीएम मोदी से जाकर गले मिले, तो लोगों को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिर संसद में यह अचानक हुआ कैसे?

वहीं अगर कांग्रेस सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी के जिस गले मिलने वाले प्रकरण की चर्चा हर तरफ हो रही है, उसके इंतजार में राहुल गांधी करीब कई महीनों से थे दरअसल, शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी के गले मिलने वाली घटना ने मीडिया में काफी लाइमलाइट पाया था| मगर सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी का यह फैसला त्वरित और स्वत: स्फूर्त नहीं था, बल्कि इसकी ताक में वह काफी पहले से थे| राहुल गांधी करीब 5 महीने से इस पल का इंतजार कर रहे थे कि पीएम मोदी को कैसे सार्वजनिक तौर पर गले लगाया जाए और एक खास तरह का संदेश दिया जाए|

दरअसल इसके पीछे खास वजह यह बताई जा रही है कि राहुल गांधी ने संसद में पीएम मोदी के दिये भाषणों में अपने प्रति, मां सोनिया गांधी और गांधी परिवार के खिलाफ गुस्सा और घृणा को महसूस किया था| जिसके चलते राहुल गांधी इसका बदला एक इस तरीके से लेना चाहते थे, जिससे वह एक संदेश दे पाएं कि वह प्यार करने वाले हैं और बीजेपी नफरत फैलाने वाली पार्टी|

यही वजह है कि जब राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में संसद में अपना भाषण दे रहे थे, तब वह पीएम मोदी के पास गये और उन्हें गले लगाया| हालांकि, इस दौरान पीएम मोदी सहित सदन में मौजूद सभी सदस्य अचंभित रह गये| इसके बाद गले मिलने की घटना सोशल मीडिया पर खूब छाया| इस दौरान संसद में राहुल गांधी ने कहा कि आप मुझे गालियां दें, मुझे पप्पू कह लें, गुस्सा और घृणा करें, मगर मैं आपसे नफरत नहीं करूंगा| मैं कांग्रेस हूं और मैं आपके भीतर से नफरत और घृणा को निकाल फेंकूंगा..

हलाकिराहुल गांधी के इस कदम ने उनकी खुद की पार्टी के नेताओं को भी हिला कर रख दिया था| कांग्रेस के एक नेता ने मीडिया को को बताया कि उनके साथ बैठे लोगों को लग रहा था कि राहुल गांधी एक ब्रेक लेने जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद राहुल मोदी के पास गए उन्हें गले लगाया| हालांकि, भाषण के बाद राहुल का मकसद आंख मारना कहीं भी प्लानिंग का हिस्सा था ही नहीं|