विजय माल्या ने जताई भारत आने की इच्छा, बैंको कर्ज चुकाने और कानून सामना करने को भी तैयार

mallaya

शराब कारोबारी भगोड़ा विजय माल्या अब भारत आना चाहता है और वह अपने खिलाफ चल रहे मुकदमों का सामना करने के लिए भी तैयार है। वह बैंकों से लिया कर्ज भी चुकाना चाहता है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि शराब कारोबारी ने भारतीय अधिकारियों से इच्छा जताई कि वह भारत में जारी कानूनी प्रक्रिया में शामिल होना चाहता है और खुद के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत हुई हालिया कार्रवाई का सामना करना चाहता है।

 

 

अधिकारियों ने संकेत दिया है कि माल्या की संपत्ति को नए कानून के तहत जब्त करने के सरकार के फैसले के बाद माल्या के रुख में ये बदलाव आया है. माल्या ने 2016 में भारत छोड़ दिया था| उन पर बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपये का कर्ज है| ईडी ने नए कानून के तहत माल्या की 12,500 करोड़ की संपत्ति को जब्त किए जाने की मांग की है| बता दें कि हालिया अध्यादेश के तहत भारत सरकार देश और विदेशों में माल्या से जुड़ी सभी संपत्तियों को तत्काल जब्त कर सकती है। हालांकि जांच एजेंसियों के शीर्ष सूत्रों ने सरकार के उक्त कदम के बारे में ब्यौरा देने से इनकार कर दिया।

 

भारत आते ही होगा गिरफ्तार भगोड़ा माल्या

न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि माल्या ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से संपर्क किया है। हालांकि, ईडी ने उसे किसी भी तरह की राहत देने का वादा नहीं किया। ईडी के अफसरों का कहना है कि अगर वह लौट आता है तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उसे एक-दो दिन बाद जमानत दी जा सकती है। माल्या को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना ही होगा। अगर वह अपनी मर्जी से लौटता है, तो हम इमरजेंसी ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स जारी कर सकते हैं। इसके बाद प्रत्यर्पण का मामला खत्म हो जाएगा। इससे पहले माल्या ने कहा था, भारतीय बैंकों ने उसे ‘पोस्टर बॉय’बना दिया। माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़कर लंदन चला गया था।

 

इस वजह से जताई भारत आने कि इच्छा

मुंबई स्थित विशेष पीएमएलए अदालत ने पिछले महीने ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर माल्या को समन जारी किया था। अदालत ने माल्या को 27 अगस्त को उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। जानकारों के मुताबिक, यदि माल्या 27 अगस्त को कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं होता है या अदालती समन पर जवाब नहीं देता है तो उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है। इसके अलावा उससे जुड़ी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं।