मोहन भागवत ने 75 वर्ष में ”सार्वजनिक जीवन ” से रिटायरमेंट की चर्चा की

रीडर टाइम्स डेस्क
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 75 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट के बयान को कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल किया पीएम इस साल 75 वर्ष के हो रहे हैं शिवसेना …

सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि 75 साल की उम्र पूरी होने के बाद लोगों को दूसरों को भी काम करने का मौका देना चाहिए। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि 75 साल पूरा होने पर किसी भी नेता को जब शॉल उड़ाई जाती है तो इसका एक मतलब यह है कि उनकी उम्र हो चुकी है आपको बाकियों को मौका देना चाहिए।

आरएसएस प्रमुख 19 जुलाई को राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। इस पुस्तक का नाम मोरोपंत पिगले द – आर्किटेक्ट ऑफ़ हिंदू रिसर्जेस है जिसका विमोचन करने के बाद भगवत ने वरिष्ठ आरएसएस नेता की विनम्रता दूरदर्शिता और जटिल विचारों को सरल भाषा में समझाने की आद्रता क्षमता को याद किया।

75 की उम्र में सेवानिवृत्ति ? 5 साल पहले बोले थे भागवत , पीएम मोदी अपवाद –
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर में 75 साल के होने वाले हैं ऐसे में भागवत ने इस बयान से बहस छिड़ गई कि शिवसेना (उद्धव गुट ) नेता संजय रावत ने कहा कि संघ प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी को यह संदेश दिया हालांकि 5 साल पहले भगवत ने 75 की उम्र में सेवानिवृत्ति के अपने इस बयान पर मोदी को अपवाद बताया था।

संघ प्रमुख और पीएम मोदी की उम्र में समानता –
गौरतलब है कि मोहन भागवत और पीएम नरेंद्र मोदी दोनों का जन्म सितंबर 1950 में हुआ हैं भागवत का 11 सितंबर को और मोदी का 17 सितंबर को इसी कारण भागवत का बयान राजनीतिक गलियारों में बेहद अहम माना जा रहा है।

हालांकि भाजपा ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए इसे नियमित भेद बताया था गृहमंत्री अमित शाह ने में 2023 में ही स्पष्ट कर दिया था। कि पीएम मोदी 2029 तक देश का नेतृत्व करते रहेंगे उन्होंने कहा था भाजपा के संविधान में कोई सेवानिवृत्ति की उम्र तय नहीं है मोदी जी 2029 तक प्रधानमंत्री रहेंगे।