मेहनत, सहयोग और समझदारी से बदले आगरा के इस विद्यालय के हालात

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
थोड़ी सी मेहनत, सहयोग और समझदारी से न सिर्फ जर्जर विद्यालय के हालात सुधारें जा सकते हैं। बल्कि वहां स्तरीय शिक्षा प्रदान कर बेहतर शैक्षिक माहौल भी तैयार किया जा सकता है। यह सच कर दिखाया है। वह इस विद्यालय में वर्ष 2013 में आए थे। उस समय विद्यालय जर्जर स्थिति में था। न शौचालय था , न पानी के लिए पानी की व्यवस्था। कक्षा के फर्श में बड़े-बड़े गड्ढे थे और प्लास्टर भी आए दिन विद्यार्थियों पर गिरता रहता था।

शिक्षक साथी से ली प्ररेणा…
विद्युत कनेक्शन लेकर कक्षा में पंखे व लाइट आदि लगवाई। विद्यालय में हैंडपंप है लेकिन इलाके का पानी खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं है इसलिए विद्यार्थियों को पीने के पानी की दिक्कत थी। इसके लिए उन्होंने लोगों की मदद से पानी की टंकी रखवाई और टैंकर से पानी की व्यवस्था कराई। कंपोजिट ग्रांट से विद्यालय की रंगाई पुताई, फर्श व दीवारों की मरम्मत आदि कराई। विद्यालय परिसर में पौधारोपण कराकर ट्रीगार्ड लगाए और दीवारों पर पेंटिंग कराई।

थोड़े और सुधार की आस…
हालांकि अपने प्रयासों से वह जितना कर सकते थे , उन्होंने काम करा दिया है। अब वह विभाग से गुहार लगा रहे हैं कि विद्यालय में बाउंड्रीवाल और फर्नीचर की व्यवस्था कराएं, जो नहीं है। इसलिए बाहरी लोग आ जाते हैं और बेसहारा पशु विद्यालय में विचरण करते हैं। वहीं फर्नीचर न होने से विद्यार्थी टाट-पट्टी पर बैठते हैं। विद्यालय में उनके अलावा दो शिक्षक व एक शिक्षा मित्र हैं, लेकिन दोनों शिक्षकों को नुनिहाई और नराइच स्थित विद्यालयों से संबद्ध कर दिया है, जिस कारण विद्यालय में पंजीकृत 127 विद्यार्थियों की पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी उनके और एक शिक्षा मित्र के कंधों पर है। हालांकि उनके नवाचारी शिक्षण और विज्ञान व गणित की विभिन्न माडलों से पढ़ाई विद्यार्थियों को पसंद आती हैं। लेकिन कुछ कमियां हैं, जिनके दूर होने पर विद्यालय और बेहतर हो जाएगा।