भगवान विष्णु का इस दिन गंगा में होता हैं वास -जाने आगे की कहानी ,

रिपोर्ट – डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़


एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान् विष्णु को समर्पित हैं। इस दिन भगवान् विष्णु को विशेष चीजों को भोग लगाना चाहिए। पुराण के अनुसार अन्य मास में जप -तप दान से भगवान् विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते हैं जितने माघ मॉस में होते हैं। ऐसा माना जाता हैं। की इस सभी देवी -देवता भी प्रयाग में गंगा में स्नान करके वापिस अपने लोक को लौट जाते हैं। हमारी सस्कृति की यह विशेषता हैं की तमाम तरह के भोगो के बीच व्यक्ति को योगी होने का भी अवसर देती हैं। माघ का महीना ऐसा ही अवसर हैं।

हमारे वैदिक ऋषि इस बात को जानते थे कि मन कि शुद्धि के साथ -साथ तक कि शुद्धि भी बहुत जरुरी हैं। क्योकि गंदे पात्र में रखी हुई अच्छी वस्तु भी खराब हो जाती हैं। इसलिए मन को रखने वाले तन रूपी पात्र का भी साफ़ रहना जरुरी हैं।

जया एकादशी 2024 के भोग – धार्मिक मान्यता के अनुसार ,बहगवां विष्णु को पञ्चमृत का भोग जरूर लगाना चाहिए। एकादशी के दिन श्री हरी को शक्कर घी दूध और दही से बने पञ्चमृत का भोग लगाए। पञ्चमृत का भोग में शामिल करने से साधक को सौभाग्य कि प्राप्ति होती हैं।

भोग मंत्र – त्वदीय वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव सम्प्रये।
गृहाण सम्मुखे भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।

इस मंत्र का अर्थ हैं कि हे भगवान् जो भी मेरे पास हैं वो आपका ही दिया हुआ हैं जो आपको ही समर्पित कर रहे हैं। कृपा करके मेरे इस भोग को स्वीकार करे।