वर्ल्ड ऑटिज्म क्या हैं हर साल क्यों मनाया जाता हैं ,विश्व ऑटिज्म दिवस !

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क

ऑटिज्म के बारे में लोगो को जागरूक के लिए हर साल दो अप्रैल को वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे मनाया जाता हैं। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर दिमाग से जुड़ी बीमारी हैं।जो बचपन में शुरू होती हैं। और ये एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल स्थिति हैं जिसका पता आमतौर पर 2-3 साल की उम्र में लग जाता हैं इस डिसऑर्डर के बारे में लोगो में जानकारी की कमी की वजह से इससे पीड़ित लोगो का जीवन और मुश्किल हो जाता हैं इस दिन को मानाने के पीछे एक उद्देश्य हैं की इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाना।

ये मस्तिष्क के विकास से संबंधित समस्याओ का समूह हैं लगभग 100 में से एक बच्चे को ऑटिज्म की दिक्कत हो सकती हैं वैश्विक स्तर पर बच्चो में देखि जा रही हैं इस समस्या को लेकर लोगो को जागरूक करने समय पर उपचार को लेकर प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल दो अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाया हैं।

ऑटिज्म ( Autism ) को मेडिकल भाषा में ( ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर कहते हैं यह एक विकास संबंधित गड़बड़ी हैं जिससे पीड़ित व्यक्ति को बातचीत करने में पढ़ने -लिखने में और समाज में मेलजोल बनाने में परेशानिया आती हैं।

बच्चो से जुडी कुछ बीमारिया ऐसी होती हैं जिनके शुरूआती लक्षण तो बड़े ही नॉर्मल होते हैं लेकिन बाद पता चलता हैं की यह बच्चे के लिए समस्या पैदा कर सकती हैं। ऑटिज्म बीमारी ऐसी हैं जिसमे बच्क्ष्हे को बोलने और समझने में दिक्कत होती हैं साफ शब्दों में लहे तो इस बिमारी में अब्च्चो का मानसिक विकास ठीक से नहीं हो पता हैं इस बीमारी के लक्षण बचपन में ही दिखने लगते हैं जो लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें डिप्रेशन चिंता सोने में कठिनाई सहित को सारी परेशानियों को झेलना पड़ता हैं।

ऑटिज्म के लक्षण –
👉 बच्चो का देरी से बोलना शुरू करना
👉
एक ही शब्द को बार -बार रिपीट करना
👉
किसी के बोलने या कुछ कहने पर जवाब नहीं देना
👉
बच्चे का ज़्यादा समय अकेले ही बिताना
👉
किसी से आंखे मिलकर बात न करना एक ही चीज को बार -बार करना
👉
कसी भी एक काम या सामान के साथ पूरी तरह बीजी रहना

विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2024 की थीम -इस साल विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2024 की थीम रखी गई हैं। एम्पॉवरिंग ऑटिज्म वॉयस हैं। और जिसका उद्देश्य इस स्थिति वाले व्यक्तियों को अधिक समर्थन और शन्ति प्रदान करना हैं ऐसे बच्चे जीवन जीने के साथ एक सफल करियर भी बना सके। इस स्थिति वाले लोगो का समर्थन करने और उन्हें स्वीकार करने के संकल्प को करने के लिए हर साल एक नई थीम तय की जाती हैं।