सीजफायर के बाद पीएम मोदी की बड़ी बैठक

रीडर टाइम्स डेस्क
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों से जारी मिलट्री एक्शन 10 में की शाम थम सा गया था अमेरिका की मध्य स्थिरता में दोनों देश सीजफायर के लिए तैयार हो गए थे लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी की खबरें आती रही …

जम्मू कश्मीर की पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत पाकिस्तान के रिश्ते चरम पर है भारत ने आतंक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 7 मई की रात में ऑपरेशन सिंदूर चलाया इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंक के नौ ठिकानो को ध्वस्त किया गया। इसके साथ ही भारत ने इस ऑपरेशन में कई कुख्यात आतंकी भी ढेर हुए इसके बाद से पाकिस्तान ने हर दिन सीमा पर युद्ध विराम का उल्लंघन किया और सीमावर्ती जिलों में गोलाबारी ड्रोन मिसाइल से हमले किए गए।

24 घंटे में प्रधानमंत्री के साथ हुई तीसरी उच्च स्तरीय बैठक थी –
बैठक में सीजफायर के बाद की स्थिति पर हुई चर्चा

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सीजफायर के बाद की स्थिति का आकलन करना था बैठक में पाकिस्तान के तरफ से भेजे गए। ड्रोन और मिसाइल की घटनाओं पर भी चर्चा हुई और यह पिछले 24 घंटे में प्रधानमंत्री के साथ हुई। तीसरी उच्च स्तरीय बैठक थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत ने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के खिलाफ लगातार दृढ़ और अडिग रुख अपनाया और ऐसा करना जारी रखा।

बता दे की संघर्ष विराम की घोषणा सबसे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच कल संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी और कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन कर सीमा पार से एलओसी से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी।

भारत में स्पष्ट संकेत दिया है कि अगर युद्ध चाहिए तो भारत तैयार है समझदारी इसी में हैं की पाकिस्तान अभी हमले को यहीं समाप्त करें। आतंकियों पर लगाम लगाई और तनावपूर्ण शांति की ओर बढ़े लेकिन सवाल यही है कि पाकिस्तान में सत्ता वास्तव में किसके हाथ में प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की कमजोरी सिविल सरकार सेवा और आईएसआई के हाथों की कठपुतली।