रीडर टाइम्स डेस्क
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग पर रविवार की सुबह 9:00 बजे करंट लगने की अफवाह से भगदड़ मच गई। हादसे में एक 12 साल के बालक सहित 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 30 लोग घायल हो ….

हरिद्वार के मनसा देवी में रविवार को हुए हादसे में 28 साल पहले हुई दुर्घटना की याद को ताजा कर दिया तब सोमवती अमावस्या पर मची भगदड़ में 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की जान चली गई थी उस हादसे के बाद जांच और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए एक आयोग गठित किया गया था। उस आयोग की सिफारिश अब तक फाइलों में ही कैद है उन्हें लागू ही नहीं किया है।
यहां घटना बेहद दुखद है मजिस्ट्रियल जांच का देश उसके मृतकों को 2 लाख की आर्थिक सहायता की राशि विवेक दिन कोर्स से देने की घोषणा की गई। इस हादसे को लेकर कई तरह की बातें हो रही है कयासबाजी से कोई भी लाभ नहीं है सभी को धैर्य रखना चाहिए जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी यह की आखिरी हादसा कैसे हुआ अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

28 साल पहले क्या हुआ था –
15 जुलाई 1997 को सोमवती अमावस्या का पर्व था उसे दिन हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भारी – भीड़ उमड़ी थी गंगा घाट स्थानांनता से अटे हुए थे। इस दौरान हरकी पैड़ी के पर तत्कालीन घाट पर आग लगने की अफवाह फैल गई थी। इसी के बाद भगदड़ में 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की जान चली गई। जांच आयोग का गठन किया गया था। इसके अध्यक्ष न्याय मूर्ति राधे कृष्णा अग्रवाल थे इस आयोग ने अपनी पड़ताल के बाद सभी रिपोर्ट में 44 सुझाव दिए।
अफवाहों पर नियंत्रण नहीं –
हरिद्वार की घटना इस बात का उदाहरण है की अफवाह किस कदर जानलेवा हो सकती मौके पर भी सही सूचना तंत्र की गैर मौजूदगी और जागरूकता की कमी से हालात बिगड़ते हैं। ऐसे आयोजनों को में नियमित रूप से मुनादी कर अफवाहों से सतर्क रहने की हिदायत दी जा सकती है साथ ही अफवाह फहराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी जरूरी है।